मोती लाल साहु 09 May 2023 शायरी समाजिक तू ही आरंभ है- तू ही अनंत है, तू आदि है- तू नूतन है-देखा ना अव्व्ल तुझ सा- तुझ से ऊंची कोई चीज नहीं- तू हाजिर है कण-कण में है, तुझ से छुपी कोई चीज नहीं। 14786 0 Hindi :: हिंदी
तू ही आरंभ है- तू ही अनंत है! तू आदि है- तुझ से पुरानी कोई चीज नहीं तू नूतन है- तुझ से नई कोई चीज नहीं देखा ना- अव्वल तुझसा, तुझ से ऊंची कोई चीज नहीं तू हाज़िर है- कण-कण में है, तुझ से छुपी कोई चीज नहीं तू ही आरंभ है- तू ही अनंत है! -मोती