संदीप कुमार सिंह 13 Jun 2023 आलेख समाजिक सुधार पर बेहतरीन आलेख 5594 0 Hindi :: हिंदी
कोई भी वस्तु या व्यक्ति कितना भी बढ़िया क्यों न हो सर्वदा ही सुधार की आवश्यकता बनी रहती है। जैसे_जैसे हम सुधार करेंगे वैसे _वैसे ही चमक बढ़ती चली जायेगी। इसलिए अपने _आप से लेकर तमाम चीजों में कुछ न कुछ सुधार करते रहने की आवश्यकता होती है। क्योंकि होता यह है कि जितना हम में गुण है या जिस स्तिथि में हैं, वह एक समान रहते_रहते धूमिल हो जाता है। इसलिए बड़े_बड़े विद्वानों का मत है की सुधार की गुंजाइश हमेशा ही बनी रहती है। ज्ञान अनंत है _विचार अनंत है इसलिए जीवन पर्यंत भी सीखने के बाद भी कोई भी शख्स पूर्ण ज्ञानी नहीं बन सकता है। इसलिए सर्वदा अपने_आप से लेकर हरेक वस्तुओं को अच्छा बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....