संदीप कुमार सिंह 05 Aug 2023 शायरी प्यार-महोब्बत मेरी यह शायरी समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4599 0 Hindi :: हिंदी
(शायरी) मेरे ख्वाबों की मल्लिका अब तो आ जा, नैना तेरी दीदार को कब से तरस रही है। इस सुने दिल को फिर से रोशन कर दे, उस शुभ घड़ी के लिए मैं बेताब हूं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....