Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सूनी राहे पुकारती है -आंसुओं से कहीं गम के पैबंद

Sudha Chaudhary 25 Sep 2023 कविताएँ अन्य 5678 0 Hindi :: हिंदी

सूनी राहे पुकारती है
आंसुओं से कहीं
गम के पैबंद 
बिखर जाते हैं यही।

रोज उठकर मुझे बुलाओगे
कैसे सम्हलेंगे हालत यही
टूट कर चूर हुई हूं इतना
नहीं है सब्र दिखाऊं कहीं।


सुधा चौधरी
बस्ती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: