Sunil suthar 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत यार मेरे, यारो कि मैफिल, यारों का साथ, सुख -दुख के साथी यार, यारों कि दोस्ती, 11288 0 Hindi :: हिंदी
कविता (यार मेरे ...) किस दौङ मे लग गए ना जाने दिनरात मेरे, अपनी चाहत को दुनिया की नजर खा गयी सारी, किस ख्वाब मे सिमट कर रह गए सुबह-शाम मेरे... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे .. तेरे कामत से लिपटी है अमर बैल कोई, तेरे दिल मे समायी है मेरी धङकनो का संसार हो कोई, तुझसे ही जुङे है जीवन के सारे रिश्ते नाते मेरे ... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे । तुमसे ही झगङना तुमसे ही हस कर बाते करना, हर मोङ पे साथ रहते हो जैसे तुम परछाई की तरह, यह तमन्ना है कि हर खुशी गम बाट लू मै संग तेरे.... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे, जब भी भटका संसार के मोह जाल मे ,तुम्ही ने खीचा था अच्छाई के प्रकाश मे, मै जब भी भूल गया पता वक्त के भंवर मे,तुम्ही ने मुझे याद दिलाया, अब मे कैसे भूल जाऊ वो अनगिनत अहसान तेरे... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे ।। छोटी-मोटी बातों का हल हो जाता था उनके पास, लेकिन अब तो तरस पङती है, बाते और प्रश्नो के समाधान की, अब मै कैसे छीन कर पा लू यार सानिध्य तेरे ... तू कहां मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे । अब मै तुम्हे क्या बताऊ,तुम हो अनमोल रत्न मेरे, जिनको कोई ना तौल सका संसार का धन सारा, जाति,धर्म और वंश की नीव छोङ,तुम बन गए एक मुस्कान पर यार मेरे... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे। गंगा जल से भी पवित्र है,यह तेरा मेरा रिश्ता, जहां सदैव प्रवाहित होती है निर्मल पवित्रता, खत मिलते ही चले आना, यार वो ही है ठिकाने मेरे... तू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे ।। सुनील सुथार