Ranjana sharma 02 Aug 2023 कविताएँ दुःखद उम्र बीते जा रही है# Google# 6535 0 Hindi :: हिंदी
बेवफा वो नहीं पर चोट तो तूने भी दिया कम नहीं ए जिंदगी अब तुझसे हम क्या गिला शिकवा करें तू भी दिल दुखाने में छोड़ा ना कमी चोट जहां लगी थी तूने भी दर्द वहीं दे दिया जख्म अभी हरे ही थें कि तूने एक और जख्म दे दिया बेरुखी थी मुझसे मोहब्बत मेरी छा गया था अंधेरा आंखों में मेरी तूने भी तो वही किया लाकर छोड़ दिया मुझे यादों के साथ तन्हा मेरी अब फरियाद करें भी तो किससे सुनने वाला कोई नहीं अपना टूटा दिल लेकर जाएं भी तो कहां अब इसे संभालने वाला कोई नहीं धन्यवाद