Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

जो व्यर्थ बिता दिए पल- व्यर्थ समय बिताते रह गये

Bholenath sharma 02 Jan 2024 कविताएँ समाजिक इस जीवन में सिर्फ ये नहीं है कि खाओ पियो और घूमो टहलो बस यही जिंदगी है। कुछ तो की आने वाली पीढ़ी जाने की पुरखे कैसे थे। 5374 1 5 Hindi :: हिंदी

जो पाया वो जापा जीवन मैं ,                    कूछ मिटाते हम रह गये ।                             कर न सके कुछ इस जीवन मैं ,                 व्यर्थ समय बिताते रह गये ।                       वे क्या जानेंगे कि ,                                 कि मेरे पुरखे क्या थे।                             गर छोड़ निशानी गये नहीं ,                             वे जानेंगे कैसे की वे क्या थे।                                कैसे जिया उन्होंने जीवन ,                         कैसे जी कर गये है वो ।                        कुछ संघर्ष करोगे जीवन में यदि ,               कैसे जीना इस जीवन में सिखा गये है वो

Comments & Reviews

Bholenath sharma
Bholenath sharma जो व्यजो व्यर्थ बिता दिए पल- व्यर्थ समय बिताते रह गये - Bholenath sharma Read now: https://www.sahity.com/kavitayen/jo-vyarth-bita-die-pal-vyarth-samay-bitaate-rah-gayeर्थ बिता दिए पल- व्यर्थ समय बिताते रह गय

3 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: