Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत अभागा 17618 0 Hindi :: हिंदी
प्रेम; मुहब्बत; आशिकी; चाहत; अनुराग, इश्क़, हुस्न,जवानी या फिर उफनती क्यारी क्या कहु प्यार की मूर्त अनुराग स्नेह, भक्ति, लगाव या फिर मेरे मन की देवी क्या कहु तुम्हे अजब है तू तेरा ढंग गजब है दिल में मैं आँखों में कोई और बसा है होठ है कई जनमो से प्यासी ऐसा रोम रोम तेरा जिस्म कहता है क्यों तड़पती है और तड़पाती है बुझी बुझी सी खामोश नैनो को डूब जा या डूब जाने दे अपनी महरूम, अभागा, बदनशीब, बंचित मगरूर, घमडी, अभिमानी नयन में