DIGVIJAY NATH DUBEY 27 May 2023 कविताएँ समाजिक #kavitaayen #digvijay #digdarshan #bestpoem 6176 0 Hindi :: हिंदी
तू उठ तेरे जग जाने से सब अंधियारा मिट जायेगा माना की संघर्षों के कंटक भर भर के रखे हैं पर चलना है अब इनपर ही मानो फूलों के बस्ते हैं अब कब तक बैठेगा ऐसे क्या भूल गया अपना जस्बा या भूल गया अपना कर्तव्य जो पूर्ण करेगा कस्बा कस्बा वो रात हुई अब जाने वाली नया सबेरा अब आएगा तू उठ तेरे जग जाने से सब अंधियारा मिट जायेगा दिग्दर्शन !