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बरसात की बुंदे-हर तरफ हरियाली है

Yogesh pintu thakur 10 May 2023 कविताएँ अन्य बरसात की बुंदे 16668 1 5 Hindi :: हिंदी

चलो सहेलियों धरती पर जाते हैं नए युग का रूप देख के आते हैं। 
 सुना है धरती पर सात अजूबे है चिड़ियों की चेहेक-चेहेक   हर तरफ हरियाली है। 

 लोग अलबेले उनकी भाषा है  अलग अलग
 सभी अलग धर्म के हैं। पर मानते सब इंसानियत को धर्म अपना
 चलो धरती के कोने- कोने में जाकर बस जाते हैं। धरती वासियों की खुशियों में शामिल हो जाते हैं।

 बेहनों जाओ महासागर देख आव
  बेहनों जाओ नदियां देख आव 
 मैं तो चली कुए का मीठा पानी बंन्ने
 घुट घुट में लोगों की प्यास बुझाने। 

धरती पर गिरते ही मयूर अपना नृत्य हमें दिखाता है बच्चों का खिल-खिलाना हमें बड़ा भाता है। 
सुनो - सुनो बेहनों यहां महाभारत भी सुन ने को मिलती है। 
बेहनों हम साधारण  बुंदे हैं ।श्री कृष्ण जी के चरणों में गिर के अमृत हमें बन ना है।

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Yogesh pintu thakur
Yogesh pintu thakur Best hai bhai

11 months ago

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