Bhavnajain 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 6641 0 Hindi :: हिंदी
रिश्तो में उतार-चढ़ाव आना मामूली है हर गली के बाद मोड आना सीधे-साधे रोड पर ब्रेक रआना इस डर से इनको तोड़ना कोई हल नहीं प्रेम और विश्वास से पनपते हैं रिश्ते जिंदगी की पूंजी होते हैं यह निभाते निभाते थक जाओ अगर ब्रिक ले लेना पर तोड़ना इसका हल नहीं रिश्ते उस लिवास की तरह नहीं जरूरत पड़ने पर बदल लिए जाते हैं यह तो हर स्थिति में निभाए जाते हैं तोड़ना इनका हल नहीं।। भावना जैन