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भारतवासी

Santosh kumar koli 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम भारतवासी 13562 0 Hindi :: हिंदी

हम भारत मां के, प्यारे लाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
जिस पर तुम इठला रहे, कई गुना था हमारे पास।
जिसे अपना मान रहे,वह हमारा रह चुका है दास।
हमसे रिसकर तुम तक पहुंचा, तुमने लगाया समय का पाश।
हम नहीं कहते ये सब, कहता आया है इतिहास।
हम तो पत्ता रह गए, तुम बन गए डाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
नहीं चाहते बैर रखना,सबको अपनाते समाते हैं।
वसुधैव कुटुंबकम् भावना, विश्व में फैलाते हैं।
सब रागों की एक राग,शांति राग ही गाते हैं।
न छल से, न बल से,आंसू से कमज़ोर हो जाते हैं।
अश्रुतीर हमारे दिल को, कर देता बेहाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
हम भारत मां के, प्यारे लाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
सभी पड़ोसी देश हमें, समझें अपना भाई।
प्यार, प्रेम से पाट लें, नफ़रत- ग़फ़लत की खाई।
थोड़े से अविश्वास से,  सम्बन्धों में लगे काई।
मिल बैठके हल कर लें,आपस में कठिनाई।
नहीं चलते हम कभी, गिद्ध दृष्टि- सी चाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
एक से एक योद्धा यहां, है योद्धाओं की खान।
अपनी जान से भी प्यारी, हमें देश की शान।
पर दूसरे का भी हम, करते हैं पूरा सम्मान।
चारों दिशाओं में फैलाएं,  शांति का यशोगान।
जो शांति से रहे, हम मिलाएं ताल से ताल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।
हम भारत मां के, प्यारे लाल।
पहले हिन्दुस्तानी, बाद में और सवाल।

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