Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक जीवन मुल्य 96168 4 4.5 Hindi :: हिंदी
जीवनमुल्य प्रेम करो सब से करो प्रेम है पुजा प्रेम है पावन प्रेम है बस प्रेम है तू नसवर तन चंचल मन पञ्च तत्ब से बना हुआ पृथ्वी अगनी जल वायु और आकश इसी मे सब मिल जायेगा छोड अहम विकार रे इंसा जीवन सफल हो जायेगा प्रेम करो सब से करो, प्रेम है पुजा प्रेम है पावन प्रेम है बस प्रेम है तू समझ लो और सम्भल लो क्या काशी क्या मथुरा चाहे तु हरिद्धार नहा ले घुम लो चाहे चारो घाम तन के मैल तो घुल जाऎगा मन कंचन कैसे हो पाऎ प्रेम करो सबसे करो, प्रेम है पुजा प्रेम है पावन प्रेम है बस प्रेम है तू तेरा है ये मेरा है करणा छोड दे ऐ तो फल है कर्मो का जीवन मुल्य समझना है तो छोड दे दुष्ट विचार न लाया था न ले जायेगा जाऐगा सिर्फ तेरा कर्म और व्यवहार प्रेम करो सबसे करो, प्रेम है पुजा प्रेम है पावन प्रेम है बस प्रेम है तू
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