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गुलशन होगा तब जहां-बनिए सबके अर्क

संदीप कुमार सिंह 21 Jun 2023 गीत देश-प्रेम मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7282 0 Hindi :: हिंदी

(कुंडलिया छंद)
जीवन में हर कार्य पर,करिए अवश्य तर्क।
गुलशन होगा तब जहां,बनिए सबके अर्क।।
बनिए सबके अर्क,राह प्रशस्त कर सबका।
बने रहनुमा आप,भला करिए नित जगका।।
कहते कवि संदीप,जख्म का करिए सीलन।
मधुर बोल कर दान,खुशी में हो तब जीवन।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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