Meena ahirwar 22 May 2023 कविताएँ बाल-साहित्य कविता#माँ- बेटी का प्यार# बचपन की अनुभूति# वात्सल रस का प्रयोग। 6502 0 Hindi :: हिंदी
छोटे- छोटे कदमों से, सारे आँगन को महकती । कभी ठिटोली करके तो कभी रूठ वो जाती। नन्ही सी मुस्कान से, मन को मेरे रीछाती। उसके चंचल स्वभाव से, मैं भी बच्ची बन जाती। कभी खिलौनों से खेलती तो कभी आँचल में छुप जाती । उसको देखकर मैं ख़ुद , अपने बचपन में चली जाती । मीना.. जिला- छतरपुर।