Aarti Goswami 20 Jan 2024 कविताएँ अन्य बिता हु़वा साल कविता, ये साल भी चला गया कविता 1941 1 5 Hindi :: हिंदी
"ये साल भी चला गया" कभी खुशी तो कभी गम कहीं जीत तो कहीं हार दे गया किसी को खुशियां दी तो किसी की आंखे नम कर गया बस यूं ही देखते-ही-देखते ये साल भी चला गया कहीं ट्रेनों का टकराव था तो कहीं देशों का युद्ध ऐसे कई हादसों को सहता हूवा ये साल भी चला गया किसी के सपने सच कर गया तो किसी को फिर मंजिल दिखा गया जनवरी से दिसंबर तक के उतार चढ़ाव से होता हुआ ये साल भी चला गया किसी को जन्म दे गया तो किसी का जीवन ले गया कहीं छोटी मोटी बातो में तो कहीं खट्टी मीठी यादें में बस यूं ही देखते-ही-देखते ये साल भी चला गया ~'आरती गोस्वामी'✍️
2 months ago