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होस्टल में बीते पलों की यादें

कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत होस्टल की यादें व यारियां 70527 0 Hindi :: हिंदी


मिसरी से भी मीठी लगती हैं....
होस्टल की वो यारियां!
लिपट लिपट रोएंगे हम ........
जब होगी चलने की तैयारियां!!
जो पल अब बीत रहा है......
वो कल में बदल जाएगा!
फासले इतने हो जाएंगे हमारे दरमियान.....
पता नहीं कौन, कहां पर पाएगा!!
फिर होठों पर मुस्कराहट होगी.....
आंखों में बिन मौसम बरसात होगी,
जब याद आएगी दोस्तों की शैतानियां!
मिसरी से भी मीठी लगती है......
होस्टल की वो यारियां!!

कलकत्ता के रोड़ पर.......
जैसे रेलगाड़ी चलतीं है!
रानू के शब्दों की माला....
ऐसे रफ्तार पकड़ती है!
माना के उसके बोल......
बैलगाड़ी पर करते हैं सवारियां!
पर याद बहुत आएगी हमको.....
वो और उसकी खुबसूरती की कहानियां।

प्यारा सा गुस्सा सवारी करता है.....
सोनल की नाक पर !
पर उतर भी जल्दी जाता है....
बस एक मीठी सी डांट पर !
जब बात दोस्तों पर आती है.....
तो वह ढाल बन जाती है !
फिर चाहे कोई कितना भी रोकें....
वो महाकाल बन जाती है!
उसके जैसी ही प्यारी उसकी है बचकानियां !
पर याद बहुत आएगी हमको 
उसकी हर एक नादानियां!!

सुपर फास्ट से भी ज्यादा तेज....
अंजलि का दिमाग चलता है!
वह जो भी खाना खाती है......
मानों उसके शरीर को नहीं,
दिमाग को ही लगता हैं!
मुश्किल आती है जब दोस्तों पर,
वही देती है सबकी जवाबदारियां !
पर याद बहुत आएगी हमको,
वो और उसकी समझदारियां !

गुणों के मोती छिपे हैं जिसके अंदर,
अनु है वो एक समुन्दर!
डांस, मेहंदी और पेंटिंग में वो माहिर हैं!
अपने दोस्तों की मदद करने......
हरदम रहती वो हाजिर है!
हुनर की अपने देती है वो निशानियां,
याद बहुत आएगी हमको.....
वो और उसकी कलाकारियां ।

छोटी सी है पलक मगर,
इतनी होशियारी कहां से लाती है।
अपनी मां की है लाडली बहुत,
हर बात में समझदारी दिखाती है!
निंदिया रानी जब भी बुलावे.....
वो दौड़ी चली जाती है!
अपने जन्मदिन वाले दिन भी वो..
घोड़े बेचकर सो जाती है!
गालों पर पड़े डिंपल देते हैं उसकी गवाहियां,
याद बहुत आएगी हमको.....
वो और उसकी खूशरंग रवानियां !

विनि के बारे में क्या लिखूं,
वो एक खुली किताब का पन्ना है!
चेहरे पर सब दिखता है उसके....
नहीं दिल में छुपी कोई अलग तमन्ना है!
किसी को भी पल में अपना बना लें......
वो देती ऐसे सबको सलाहकारियां !
याद बहुत आएगी हमको.....
वो और उसकी अदाकारियां !

मिसरी से मीठी लगती है.......
होस्टल की वो यारियां।
लिपट लिपट कर रोएंगे हम......
जब होगी चलने की तैयारियां।।
          कविता केशव 

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