DINESH KUMAR KEER 25 May 2023 कविताएँ समाजिक 4406 0 Hindi :: हिंदी
लक्ष्य... 'दुनिया जीतने' निकले हो....... और 'एक हार' से हताश हो...... कर बैठ गए, तुम्ही ही बताओ....... महज़ एक प्रयास में मेहनत........ रंग लाती है कभी ? नहीं ना......? तो फिर क्यों मूर्खतापूर्ण भावों से........ घिर कर खुद को हताश बैठा रहे हो...... उठ जा खड़ा और फिर से साध तीर...... कमान पर और भेद दे लक्ष्य एक पुनः प्रयास कर.......