मोती लाल साहु 09 Dec 2023 शायरी प्यार-महोब्बत बिरहा की अग्नि- पिया से बिछड़ने का ग़म 10832 0 Hindi :: हिंदी
ये जमीं ये गगन- उड़ते बादल पक्षी कहीं, ये झरते हैं झरने- बहती है दरिया कहीं, पुकारे पी कहां पी- कहां ये उड़ता मेरा मन,, पुकारे डाली- डाली बिरहा में पपीहा....!!!! -मोती