akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग जीवन में हमें हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए 38410 0 Hindi :: हिंदी
* दांत निपोरी * बड़े प्यार से कर लो भैया थोड़ी सी तुम दांत निपोरी। पत्नी जब गुस्सा हो जाये बड़ी बड़ी आंखें दिखलाए । खाना पानी मिल न पाए किचन में बर्तन चटकाए । कोई उपाय समझ न आए पत्नी को फिर कौन मनाए। स्वारी करके हाथ जोड़कर कर लो उससे दांत निपोरी । रिश्तों में दरार आ जाए कोई किसी के मन न भाए । कोई फोन न वाट्सएप आए अहंकार जब आड़े आए । दिलों में दूरी बढ़ जाए आगे कुछ भी समझ न आए । एक दूजे से मिलने का जब कोई भी अवसर मिल जाए । मन मुटाव को भूलकर अपने कर लो थोड़ी दांत निपोरी। पड़ोसी जब मन न भाए बात खरी -खोटी हो जाए । औरतों की बातों में आकर वातावरण गरम हो जाए । एक -दूजे का देखकर चेहरा भ्रकुटी देखो तन-तन जाए । होली का त्योहार जो आए राग द्वेष को भूलकर अपने । रंग में भंग मिलाकर भैया कर लो थोड़ी दांत निपोरी ।। दोस्त कभी जब लड़ भिड़ जाएं दोस्ती में दरार आ जाए । मन ही मन में वो पछताएं एक दूसरे के घर न जाएं अपना अपना अहम भुलाकर बचपन की बातें दुहराकर । एक दूजे की पोल खोलकर कर लो थोड़ी दांत निपोरी ।। रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...