Siya pareek Sp 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मैं हूँ थोड़ी अजीब सी 37252 0 Hindi :: हिंदी
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● •••• *मैं हूँ थोड़ी अजीब सी* •••• ★ मै बादलों से डरती हूँ, बरसात पर मैं मरती हूँ। जब हवाओं के संग उड़ती हूँ, तब भी जमीं से जुड़ के चलती हूँ। हाँ, मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ मै खामोश हूँ, मगर मेरी खामोशी गुनगुनाती हैं। कभी सागर की चट्टान हूँ, कभी रेत बन किनारों से जा मिलती हूँ। हाँ मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ सादगी ही मेरा रूप है, सादगी ही मेरा श्रृंगार है। भरोसा खुद पे ना है, जितना तुझपे करती हूँ। हाँ मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ पसन्द तो चहकना भी है, मगर चहचाहट सुनना ज्यादा पसन्द है, मै झूठ बोलती नहीं, और सच हर किसी से कहती नहीं। हाँ, मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ अपनो से करती हूँ बहुत प्यार, और वो भी मुझसे, सब मेरे लिए करते है बहुत कुछ, मगर मैं ना कर पाती खुदसे। हाँ, मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ बिन पूछे कुछ न बताती हूँ, बिन समझाये कुछ न समझती हूँ। लेकिन हाँ, मै तुझसे छुपाना भी कुछ नहीं चाहती हूँ। हाँ, मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। ★ हरियाली और मोर देख मन झूमता है, तूफान नाम सुन मन घबराता है। छोटी-छोटी बात पर मायूस हो जाती हूँ, मगर यारो के संग सब भूल जाती हूँ। हाँ, मै हूँ थोड़ी अजीब सी, मगर यारी तुमसे रखती हूँ। #Sp.... ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●