Kirti singh 02 May 2023 कविताएँ समाजिक उड़ रहे हैं हौसलों की उड़ान 15702 0 Hindi :: हिंदी
उड़ रहे हैं हौसलों की उड़ान वह ,है जिनके पास नहीं हाथ लिख रहे हैं वह पैरों से पन्नों पर अपनी किस्मत और बता रहे हैं जीवन का मूल्य हौसलों की ऊंचाइयों को छू कर जीवन को अपने जीकर करा दी है बिन बादल की बारिश । दे रहे हैं सबूत अपनी शक्ति का उनको जो कह गए थे कभी उनको अपाहिज।