Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

धारण योग्य जो धर्म वही है

Rambriksh Bahadurpuri 23 May 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #kavi Ambedkar Nagar #dharm per kavita #ambedkar Nagar poetry 7483 0 Hindi :: हिंदी

कविता -धारण योग्य जो,धर्म वही है 

सत्य मार्ग पर
आगे बढ़कर 
मानवता के
पथ पर चलकर
शान्ति और सहयोग
बनाकर
जाति पाति का
रोग मिटाकर
छूआ छूत और
ऊंच नीच का
अंतर्मन से
भेद हटाकर
करने योग्य जो
कर्म सही है 
धारण योग्य जो
धर्म वही है। 

 
धर्म के पीछे
होता धंधा
कहीं अपहरण
कहीं पर दंगा
कुछ लोग तो
होकर अंधा
कहीं पर लड़ते
लेते पंगा
कहीं पर करते 
काम भी गंदा
अंधविश्वास की
झांसा देकर
मन को करते
रहते चंगा
ये सब
करना सही
नही है,
धारण योग्य जो
धर्म वही है। 

धर्म सभी को
जोड़े रखता
पशु पक्षी की
रक्षा करता
राजनीति में
धर्म को लाकर
कहते धर्म पर
खतरा लगता
धर्म नही कोई
राजनीति है
ना ही कोई
कूटनीति है
धर्म सिखाता
जीवन जीना
मरना कटना
कभी नही है,
धारण योग्य जो
धर्म वही है। 


          रचनाकार -
      रामबृक्ष बहादुरपुरी 
अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश
        9721244478

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: