Ritvik Singh 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक Google Yahoo Bing 22405 0 Hindi :: हिंदी
मैं शम्भु हूँ तों नाथ भी मैं ही हूँ मैं सत्य हूँ तों शिव भी मैं ही हूँ मैं अगर मृत्यु हूँ तों जीवन भी मैं ही हूँ मैं ही अपार समय हूँ तों अन्त भी मैं ही हूँ मैं ही भूतकाल हूँ तों वर्तमान भी मैं ही हूँ मैं सुख हूँ तों दुःख भी मैं ही हूँ मैं भागी हूँ तों अभागी भी मैं ही हूँ मैं राजा हूँ तों भिक्षुक भी मैं ही हूँ मैं अग्नि हूँ तों जल भी मैं ही हूँ राग भी मैं ही हूँ तों विराग भी मैं ही हूँ क्रोधाग्नि का ताप हूँ तों ध्यान मुग्ध जाप भी मैं ही हूँ रावण भी मैं ही हूँ तों राम भी मैं ही हूँ मैं वरदान हूँ तों श्राप भी मैं ही हूँ मैं शस्त्र हूँ तों शास्त्र भी मैं ही हूँ मैं वार ( दिन ) हूँ तों रात भी मैं ही हूँ मैं शम्भु हूँ तों नाथ भी मैं ही हूँ Ritvik Singh….