संदीप कुमार सिंह 11 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5219 0 Hindi :: हिंदी
लीन सुमति में मैं सदा,मानवता से नेह। जन्म सफल हो चाह है, हो मत दुख का मेह।। बचूं कुमति से मैं सदा, प्रभु से करूं गुहार। करूं सार्थक कर्म ही,सुन लें ईश पुकार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....