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Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Google 70300 0 Hindi :: हिंदी

दीपा और शिखा दो सहेलियों की अचानक - सी मुलाकात हो जाती है,दोनों एक- दूसरे को देखते ही गले से लगा लेते और कहते" कितने वर्षों के बाद तुमसे मुलाकात हुई।" दीपा अपने सहेली से बोलती है तू कैसी है यहां कैसे? शिखा कहती उनका ट्रांसफर यहीं हो जाने के कारण हम कुछ महीने से अभी यहीं रहते हैं।तब दीपा बोलती है चल यार कहीं बैठकर किसी कैफे में बातें करते हैं कितने वर्ष बीत गए तुझसे बहुत कुछ सुनना और सुनाना है।शिखा उसी वक़्त बोलती आज नहीं, फिर कभी उनका ऑफिस से लौटने का समय हो चुकी है।तब दीपा थोड़ी हल्की सी मुस्कुराहट लेकर बोलती अच्छा!उनका आने का समय हो गया।चल यार बहाना मत बना थोड़ी देर हम बात करके निकल जायेंगे।शिखा जैसे - तैसे मान जाती और दोनों कैफे में जाकर बातें करने लगते तब दीपा बोलती अच्छा बता कैसी चल रही है तेरी शादी शुदा लाइफ।शिखा थोड़ी सोच में पड़ जाती फिर कहती हां - हां एकदम मस्त।दीपा को कुछ अजीब सी लगती जो लड़की एकदम बिंदास होकर बात करती थी आज थोड़ी सहमी - सहमी सी क्यों लग रही है? दीपा फिर पूछती ,तो जीजा जी कैसे हैं क्या काम करते हैं? शिखा चुप रहती और फिर अचानक सी बोलती देख दीपा मुझे देर हो रही है अभी चलते हैं फिर कभी मुलाकात होगी।दीपा को अब लगने लग गई थी कुछ बात तो है जो शिखा मुझसे छुपा रही है।दीपा उससे ताने भरी शब्द में कहती"हां रहने दे यार अब तो तू मुझसे क्यों बात करेगी अब तुझे जीजा जी जो मिल गए हैं अब तो वही तेरे सब कुछ है हम तो कुछ भी नहीं।"तभी अचानक शिखा के आंखो से अक्श बहने लगती और कहती दीपा तू जैसा सोच रही है वैसा कुछ नहीं है।तेरे जीजा जी जैसे दिखते हैं वैसे नहीं है वह बहुत ही शक्की मिजाज और छोटी सोच के व्यक्ति हैं मुझे कहीं बाहर आने - जाने भी नहीं देते ,मुझे किसी से बात  करने की अनुमति भी नहीं है उनके इसी narrow mind के कारण हम कहीं एक जगह शिफ्ट भी नहीं हो सकते जहां भी हम शिफ्ट होते कुछ महीनों के लिए ही,फिर पता नहीं उन्हें क्या हो जाता फिर दूसरी जगह शिफ्ट होने की बात करने लगते। मैं तो परेशान हो गई हूं बार - बार की शिफ्टिंग से ,पर उनका शक करने की आदत नहीं जाती।दीपा बोलती तू तो इतनी बहादुर लड़की थी फिर तू क्यों उसका अत्याचार सह रही है ।तब शिखा कहती देख यह सब मैं बाद में बताऊंगी अभी मुझे जाने दें।तब दीपा कहती शिखा मैं एक महिला संगठन से जुड़ी हूं जहां ऐसे महिलाओं पर अत्याचार होते हैं तो हम उनकी मदद करते हैं तू बोल तेरी भी हम मदद करेगें।तब शिखा बोलती सच है क्या? हां यार सच है तू कहकर तो देख दीपा कहती। फिर ठीक है शिखा बोलती।दीपा अपने महिला संगठन की मदद से शिखा को न्याय दिलाती और उसे उसके अत्याचारी पति से आजादी।"आज शिखा भी एक महिला संगठन में शामिल हो गई है और ऐसे ही पीड़ित महिलाओं की मदद करती है।"
                                            धन्यवाद

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