संदीप कुमार सिंह 10 May 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3994 0 Hindi :: हिंदी
संवैधानिक दृष्टिकोण से कमजोर वर्ग के अंतर्गत अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जनजातियाँ, अल्पसंख्यक आदि आते हैं। इसमें समाज के सभी साधन हीन वर्गों को सम्मिलित किया गया है। भारतीय संविधान भ्रातृत्व एवं समानता पर अधिक जोर देता है। इसी कारण संविधान निर्माताओं ने विचार किया कि यदि समानता के सिद्धांत को वास्तविकता प्रदान करनी है तो इन दलित वर्गों, दुर्बल एवम् कमजोर वर्गों का विकास करना होगा और अन्य उच्च वर्गों एवं सवर्ण वर्गों की भांति ही इन्हें भी विकास की सुविधाएं प्रदान करनी होगी। यद्यपि संविधान में इस वर्ग को परिभाषित नहीं किया गया है फिर भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46में इस संदर्भ में इस प्रकार अल्लेख किया गया है:_"राज्य जनता के दुर्बल अंगों के विशेषतया अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा एवम् अर्थ सम्बन्धी हितों की विशेष सावधानी से रक्षा करेगा और सामाजिक अन्याय तथा सभी प्रकार के शोषण में उनकी रक्षा करेगा।"भारतीय संविधान इस विषय में स्पष्ट कुछ नहीं कहता है की इसमें अनुसूचित जनजातियाँ के अलावा भी किन _किन वर्गों को सम्मिलित किया गया है। इस प्रकार कमजोर वर्ग के अंतर्गत समाज के उस वर्ग के शामिल किया जा सकता है जो सामाजिक आर्थिक सुविधाओं से वंचित हो, शोषित हो, पिछड़ा हो। इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों, लघु व सीमांत कृषकों, भूमिहीन और बंधुआ मजदूरों एवं परम्परागत कारीगरों को इस वर्ग में शामिल गया है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....