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सांसों में है बसर

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक परमात्मा ज्योति स्वरूप है, प्रत्येक स्वांस ही उसकी कृपा है। स्वांस ही जीवन है। 11547 0 Hindi :: हिंदी

हम हैं दीवाने खास,
उड़ते आठों पहर।
आत्म ज्योति स्वरूप,
सांसों में है बसर।।
मोती-

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