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*आँख की महिमा *

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग *आँख की महिमा * 22734 0 Hindi :: हिंदी

आँखों का है खेल निराला |
सुन लो भैया सुन लो लाला ||
आँखों का काजल लुट जाये |
तुमको पता नहीं चल पाये  ||
चोट लगे तो आँखे रोतीं |
नींद आये तो आँखे सोतीं  ||
आँखों आँखों  में ही देखो  |
प्यार मोहब्बत हो जाती है || 
आँखों से जब होएं इशारे |
सुनो मोहब्बत हो गई प्यारे || 
जब मोहब्बत हो जाती है  |
नींद आँखों की उड़ जाती है ||
आँखों से  आखें मिल जायें  |
 दिल का चेन तभी लुट जाये| |
|पत्नी जब गुस्सा हो जाये |
हमको तुरत आँख दिखाए ||
पत्नी जो आँखें  दिखलाये |
अपनी आखें तुरत झुकाएं ||
आँखें जब हम से शरमाएं  |
समझो लज्जा वो दर्शायें  ||
पत्नी जब  आँखे मटकाये  |
जेब तुम्हारी कट ही  जाये ||
पत्नी को खुश रखना है तो |
रखो आँख को सदा झुकाए ||
जब हम कभी दुखी हो जाएँ |
आँखों में ही आंसू आयें ||
और खुशी के मौके पर भी |
आँखों में ही  आंसू आयें  ||

    रचियता :------ अखिलेश श्रीवास्तव 



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