हुकम चन्द जैन 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जीवन पथ 53999 0 Hindi :: हिंदी
घबराना संघर्ष से छोड़ो जीना आसान बना लो नव प्रभात की नई किरण से नवजीवन को पा लो || राहें भरी शूल से होंगी जिस राह तुम्हे चलना है अवरोधों को दूर हटा तुम अपनी राह बना || नवप्रभात की... पर्वत का सीना चीरो राह मोड़ दो सरिता की तप्त हवा के झोंकों से तुम शीतल लहर बहा दो|| नवप्रभात की... रक्षक ही भक्षक बन गए नारी का सम्मान नहीं अनाचार से जूझ रही उनका शील बचा लो || नवप्रभात की... जो सोए हैं उन्हें जगा दो जो जाग रहे हैं साथ उन्हें लो बिगड़ी है न्याय व्यवस्था एक नई क्रांति अब ला दो || नवप्रभात की... मेरे वतन की आजादी को पैबंद नहीं लगने पाए मजहब की नई परिभाषा को मिलकर सभी बदल डालो|| नवप्रभात की....
I am 81 years old Now on wheel chair I was government contractor for construction works Very fond...