Asim 19 Apr 2024 शायरी दुःखद Tears 450 0 Hindi :: हिंदी
इस कदर बह रहे थे हमारी आँखों से आंसू, रोके न रुक रहे थे हमारी आँखों से आंसू, जब वो किसी ओर कि होने जा रही थी, तो आंसूओं की मेहमानावाज़ी भी लाज़मी थी।
Login to post a comment!
...