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(लोक -लाज)

Shubham Kumar 30 Mar 2023 आलेख समाजिक (लोक -लाज) 32788 1 5 Hindi :: हिंदी

मेरे प्रिय मित्र बबलू, तुम मुझे माफ कर देना,,, मैं तुमसे मुलाकात  कर नहीं सका, लेकिन मैं तुम्हारे लिए,, एक पत्र लिख कर जा रहा हूं_ इस पत्र में मैंने, अपने दिल की बातें तुम शेयर की है,,, हां हर इंसान अपनी बातें शेयर करना चाहता है,,, लेकिन दुनिया में किसी किसी को इतना,, बेस्ट फ्रेंड मिलता है,, जिसके साथ है सब बातें शेयर करके__ दिल को हल्का कर सकते हैं,, आज मैं अपने बारे में,, तुमसे कुछ बताना चाहता हूं,_ हां शायद तुम मेरे दिल की बात जरूर सुने,,, मैं तुम्हें एक राज की बात बताना चाहता हूं, वो बात यह है कि,, हां हम सब अपने,, बातें शेयर  किए बिना दिल को हल्का नहीं कर सकते,, इसलिए कुछ लोग  हर किसी से के,,  शेयर करके खुद निंदा का कारण बनते हैं,, उनमें से कुछ लोग तुम्हारी बातों को सुनकर,, बाद में तुम्हारे निंदा भी उड़ाते हैं,, हर कुछ लगता तुमसे,, हमेशा वही बात को लेकर,, तुम्हारे खिलाफ उड़ाने लगते हैं,, किसी के दिल की बात जानकर,, लोगों के सामने बैठकर,, उनकी मजाक उड़ाना, फैशन होता जा रहा है,, इनमें से  कोई लोग,, इतना चिढ़ जाते हैं कि,, मरने मारने पर  तैयार हो जाते हैं,, हर कुछ लोग बहुत दुखी होते हैं,, कुछ लोग तर्क करते हैं,,( मैं तुमसे एक और राज की बात बताता हूं) जब मैं काम करने जाता हूं_ तो कार्य में तनिक भी भूल होने पर__ हमें जोरो की फटकार  निंदा मिलती है,, निंदा से सिर्फ लोगों का मनोबल घटता है,, वह कोई कार्य सीख नहीं सकता,, वह कोई कार्य कर भी नहीं सकता,,, इस निंदा से दिल को बहुत , आघात पहुंचती है,, तुम ही बताओ किसी के दिल को घाट पहुंचा कर,, कोई कार्य करवा सकते हैं क्या? दुनिया में सभी काम, एक इंसान सीख नहीं सकता,, हर कार्य सीखने में,, कुछ गलतियां होती हैं, और होती रहेगी,, और अपनी निंदा सुन कर,,  सिर्फ गलतियां होती हैं,, हमें उसका मनोबल बढ़ाना चाहिए,, हमें प्यार से समझाना चाहिए,, आजकल तो कार्य में भूल होने पर,, गाली फटकार देना, एक चलन होता जा रहा है,, यह बातें समाज से कभी खत्म नहीं होगी,, मैं आज भी अपनी बातें,_ दिल में छुपा के, जिंदा हूं, मैं जब तुमसे मिलूंगा" तब मुझे तुमसे ढेर सारी बातें करनी है,_ कुछ बातें दबकर दिल में बोझ बढ़ता जा रहा है,,, मैं डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा हूं,, हर कोई मुझे रिजेक्ट करता जा रहा है,, हमेशा फटकार ही सुनने को मिलता है,, इंसान को समझने की तो बात दूर,, इंसान को अच्छी प्रकार से लोग देखते ही नहीं😪 मैं तुमसे मुलाकात कर ना सका, इस बात का मुझे खेद है, अगली बार तुमसे खुद मिल लूंगा,, जैसा कि मैंने कहा, तुम से ढेर सारी बातें करनी है,, आशा है तुम मेरे मित्र बबलू,, सकुशल होंगे, मैं ईश्वर से तुम्हारे कामयाबी के लिए,, प्रार्थना करता हूं,, तुम्हारा प्रिय मित्र__ (शुभम)

Comments & Reviews

Shubham Kumar
Shubham Kumar इज वेरी वेरी मच

1 year ago

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