संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6353 0 Hindi :: हिंदी
कुंडलिया छंद चोखा एक मिसाल बन, बने देश गुलजार। अमर रहेगा नाम तब, सीरत में हो प्यार।। सीरत में हो प्यार,नेह का होगा दुनिया। शर्म करे तब स्वर्ग,कहे समस्त जग गुनिया।। धरती लगती खास,मिटा देंगें सब धोखा। सत्य भरा हो राज,कर्म करिए सब चोखा।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....