मोती लाल साहु 09 Jan 2024 शायरी अन्य शून्य में रब- बिन सब शून्य 12680 0 Hindi :: हिंदी
ये ख़ालिस- ज़िंदगी चले ना रब के बिना, आरज़ू जीवन- के खिले ना रब के बिना, रौशन है यह- जीवन उसी की रोशनी से,, पता न उड़े- कभी बिन हवा बिन झोंके के।।।। -मोती
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