रोhit Singh 23 Aug 2023 कविताएँ बाल-साहित्य #रोhitsingh #poetry #Bachpan 20590 0 Hindi :: हिंदी
संध्या की लाली में जो समुंद्र का रंग हैं उसका चमक हैं बचपन..! हवा में लहरा ते हुए मदहोश फिजाओं के फूलों का मेहक है बचपन..!! ख्वाहिशें हैं जो इन आंखों की लौट जाए उस दौर में, उन यादों का ईद होली शुभ रात हैं बचपन..!!! ना मोल कोई इसके धनक का खुदा का दिया, सबसे अनमोल उपहार है बचपन..!! -रोhit Singh...✍️