Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

लौटूंगा जरूर-एक दिन आशमा पे छाउँगा जरूर

Rupesh Singh Lostom 22 Jun 2023 कविताएँ समाजिक लौटूंगा जरूर 6888 0 Hindi :: हिंदी

एक दिन आशमा पे छाउँगा जरूर 
बनके तूफान लौटूंगा जरूर 
मिटा दूंगा मगरूर घमंड का घमंड
फानूस बनके कहर ढाउंगा जरूर 

हमने तो जलना ही सीखा हैं तूफान 
तू क्या जला पायेगा अपने लपटों के आंच से 

हमने बहुत सहे हैं बिन बादल वरसात 
इस बार लहरों पे ही आशियाँ बनाएंगे 

माना की थोड़ा हम पिछड़ गए 
तू थोड़ा आगे निकल गया 
लेकिन ऐसा नहीं की 
तू जित गया और मैं हार गया 
बात अलग हैं की मैं गिर गया 
और तू गिर के संभल गया 

राह के पत्थर को चूरघमंड चूर होना चाहिए 
प्रहार एक हो पर जोरदार होना चाहिए 
वो सिर्फ डर जाये ये काफी नहीं 
उसे मेरे सामने मजबूर होना चाहिए

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: