Ujjwal Kumar 12 Jun 2023 आलेख दुःखद Children 8614 0 Hindi :: हिंदी
क्यों छीन लिया गया उस बच्चे से उसका हक... जिसकी काबिलियत को बिना जाने हो गया तुम्हें सक... क्यों तोड़ दिए गए चुन-चुन कर उसके सपने.. ठेके पर छोड़ गए थे जब उसके ही अपने.. जाता देख सबको स्कूल उसके मन में भी जगी थी एक छोटी सी आशा... पर भेज दिया घर वालों ने काम पर आ गई फिर से निराशा... कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा कहां गई इंसानियत यह भाई भी तो है हमारा स्वरचित रचना उज्ज्वल कुमार✍️