Bholenath sharma 05 Jan 2024 कविताएँ समाजिक अगर आप किसी व्यक्ति को उनके मुँह पर उनकी वाली इनके मुँह इनकी वाली करते है तब तक दोनो के प्रिय है। अगर आप सत्य बोले तो शायद मुश्किल ही आप किसी के प्रिय होगे । 7318 0 Hindi :: हिंदी
जब भी बोलता हूँ मैं जुर्म के खिलाफ , उठ जाते है कई शख्श मेरे खिलाफ । देख रहे है जन अधरो पर हाथ धरे , मौन सभी बैठे है हाथो पर हाथ धरे । देखते भी है जानते भी है पर लोग बोलते नहीं , कब तक चलेगा ये सिलसिला अखिर क्यों कुछ बोलते नहीं ...