Sudha Chaudhary 18 Aug 2023 कविताएँ अन्य #विरह गीत 6940 0 Hindi :: हिंदी
मैंने सपना नहीं कहा तुमसे मेरे सपनों में तुम रहे ऐसे मुझ में समुद्र की वीरान सी लहरें आती-जाती रही जैसे। मेरी आंखों से होकर ख्यालों तक डोलते रहे जैसे कब आस्था में डूब गए कोई नहीं मिला जैसे। हालात से बिछड़ी कब थी सहमें रहे किरदार मेरे जगा गये थे जो अरमान उससे उठने लगे धुएं जैसे। सुधा चौधरी बस्ती