संदीप कुमार सिंह 06 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5542 0 Hindi :: हिंदी
करिए कभी गुमान मत, दो दिन के मेहमान। जीवन में जब शान हो,करते याद जहान।। खूब जिन्दगी है मिली,बनें भव्य इंसान। इसका रखना मान है,दो दिन के मेहमान।। दो दिन के मेहमान सब,होते नहीं निराश। जीवन का कुछ लक्ष्य है,जिसमें भरे प्रकाश।। दो दिन के मेहमान है,जीवन का यह डोर। हरदम रखिए सादगी,खोए कभी न भोर।। दो दिन के मेहमान हैं,हम सब सारे जीव। रखिए उलफत पास में,मिलती खुशी अतीव।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....