Tanvi saini 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम Best poem 28336 0 Hindi :: हिंदी
बेटी से बहु बनने तक का सफर बेटी से बहु बनने तक का सफर , बहु से माँ बनने तक का सफर , पहले जो 7 बजे उठकर भी जल्दी उठना बताया करती थीं , वो आज 4 बजे उठकर भी लेट हो जाया करती हैं, पहले जो कुछ भी काम ना करके भी खुद को थका हुआ बताया करती थी , आज वो पूरा दिन काम करके भी कामचोर कहलाया करती हैं , पहले जो गर्म चीज पर हाथ लग जाने से पूरा घर सिर पर उठा लिया करती थीं , आज वो हाथ जल जाने पर भी खामोश हो जाया करती हैं , पहले जो एक छिपकली से डरकर चिल्लाया करती थीं, आज वो हर आफत से अकेली लड़ जाया करती हैं , पहले जो हर वक्त पैसे खर्च किया करती थी , आज वो हर पल पैसे बचाया करती हैं , पहले जो डांट खाने पर माँ के आँचल में छुप जाया करती थीं , आज वो माँ की आवाज सुनने के लिए तरस जाया करती हैं , पहले जो पापा का प्यार पाने के लिए छोटी छोटी बातों पर रोया करती थी , आज वो पापा का दुलार पाने के लिए तरस जाया करती हैं , पहले जो भाइयों के साथ बात बात पर लड़ा करती थीं , आज वो भाइयों को देखने के लिए तरस जाया करती हैं , और कुछ नहीं ......बस पहले वो माँ पापा की बेटी कहलाया करती थीं , आज वो सास ससुर की बहू कहलाया करती हैं