संदीप कुमार सिंह 25 Nov 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगें। 10831 0 Hindi :: हिंदी
जीवन में हो सफलता, खूब मिले सब प्यार। अपनों का नित साथ हो, दूर रहे तकरार।। करें मेहनत लगन से,पूर्ण करें सब आस। चाहत नूतन हो सदा,खुशियां हो तब पास।। हम मन में दृढ़ जिद रखें,कुछ पाने की चाह। कदम कभी भी मत थके,लगे आसान राह।। लब पर मधु सम बोल हो, मन में निर्मल प्यार। प्रभु का भी आशीष हो, जीवन हो गुलजार।। व्यर्थ समय को मत करें, रखें कदम में चाल। राही चलते चल यहां, रौनक में हो हाल।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....