Ranjana sharma 05 Aug 2023 ग़ज़ल दुःखद तेरा दिया हुआ जख्म आज फिर से ताज़ा हो गया#Google# 6601 0 Hindi :: हिंदी
तेरा दिया हुआ जख्म आज फिर से ताज़ा हो गया क्योंकि एकबार याद तू फिर से दुबारा आ गया ना चाहते हुए भी तू दिल से उतरता नहीं है ऐसी भी क्या दिल्लगी है तुझसे जो ए दिल किसी और पे आता नहीं है हसरत थी तुझे पाने की वो तो पूरी हुई नहीं हम जुदा होकर भी तुझसे पूरी तरह से जुदा हुए नहीं जब तुझे ही मेरी परवाह थी नहीं तो जमाने को ताने हम क्यों दें जब किस्मत में ही जुदाई थी लिखी तो तुझे इलज़ाम हम क्यों दें हैरान हूं मैं इस दिल से दिल पहले सा मासूम रहा नहीं पत्थर का तो बना नहीं पर मोम भी अब रहा नहीं धन्यवाद🙏