Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक सामाजिक 28758 0 Hindi :: हिंदी
//...सुप्रभात...// _____ ____ ____ जीवन है एक वीणा सुख-दुख इसके तार...! इन दो पहलू के , भंवर जाल के बंधन में, उलझा है , सारा संसार...! इसलिए, अपनी और दूसरों की बजाते रहो...! दूसरों को , हंसाओ और खुद हमेशा , मुस्कुराते रहो...! रोज का दिन , सब प्राणियों का, मंगलमय हो...! हम चले सभी , प्रेम ,शांति और नेकी की राह पर.. हम सब की सदा ही, जय हो विजय हो...! चिन्ता नेताम ' मन ' डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)