Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आड़ की बाड़

Santosh kumar koli 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक आड़ की बाड़ 86403 0 Hindi :: हिंदी

वचन की आड़ कैकयी, मांगी वनवास रघुवर का।
महाबलि बालि को मारा, राम ले परदा तरुवर का।
इच्छा मृत्यु भी मृत्यु मांगे, परदा शिखंडी तुवर का।
सीता शील को मील बनाया, पात तरुवर का।
सीता हरण हेतु रावण को, बड़ा झोंकना भाड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।
आड़ की बाड़, बन जाती पहाड़- सी।
तिल की आड़, हो जाती ताड़-सी।
प्यार की पुचकारी लगती, धाड़ पछाड़- सी।
पुलिस की हवालात लगती, जेल तिहाड़- सी।
हरि कच दूब, ऊपर बाड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।
जनता की आड़ नेता, बकते ऊलजलूल बयान।
रासलीला की आड़ शायर, गढ़ते अश्लील बखान।
धर्म की आड़ ढोंगी, लड़ाते दिवाली रमज़ान।
प्यार की आड़ यार, शर्मसार रिश्ते, परिवार।
छोटे छिपे बड़ों की आड़, दुलार डुबाता गाड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।
कण बनता मन, पल पलय फट से।
खुला घट का पट, भेद गया मिट झट से।
तृण बनता ताड़, ओट पोट की हठ से।
आड़ आतप, भट बर्राता बट्ट से।
आड़ की तरमीम, अड़े आड़ की ही पछाड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।
बड़े-बड़े, लेते हैं आड़।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: