Chetna 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 22755 0 Hindi :: हिंदी
बहुत खुश होता है ऊपरवाला तब गोद में आती हैं बेटियां युग कितने भी बदले आज भी लक्ष्मी ही कहलाती हैं बेटियां जिम्मेदारियां पड़े तो रिक्शा ,ऑटो, ट्रक, ट्रेन भी चलाती है बेटियां आसमा से मिलती है उचाई तो वायुयान भी उड़ाती है बेटियां सारे सपने सारी हकीकत मां-बाप की खुशियों पर आज बनाती हैं बेटियां कोई फर्क नहीं है अब बेटा बन जाती है बेटियां ,बेटियां, बेटियां ,बेटियां।