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काले बादल-बरसात की ख़ुशबू फैलाते हैं

Shivani singh 04 Jul 2023 कविताएँ अन्य 5598 0 Hindi :: हिंदी

काले बादल हमेशा भयानक नहीं होते,
कुछ देर के लिए तो धरती को छाँ जाते।

वर्षा के संग आते हैं ये बादल,
सुकून भरते हैं दिल के जज़्बातों को।

धरा पर छाने लगते गहरे साये,
मुस्कान छिपा देते वे मन के राजा।

जब ज़िंदगी लगती है थोड़ी सी बेहाल,
उन्हें देखकर मिलता है आत्म-सम्मान।

काले बादलों के पीछे छिपा होता है,
सूरज का नया आगमन, नई सवेरे की ख़बर।

जब वे तितली के पंखों से खेलते हैं,
बरसात की ख़ुशबू फैलाते हैं।

काले बादलों को देखो एक बार,
इनमें छुपा है सृष्टि का नया रंग।

जैसे बादल खुद को भिगोते हैं,
हमें भी अपने आप को पाने का समय दो।

धरती को नम कर देते हैं ये बादल,
जीवन के रंगों से जीवन भरे हमें।

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