Manju Bala 10 Jun 2023 कविताएँ दुःखद औरत होने का दर्द मैं जानती हूँ ,उस जिन्दा लाशा बनी लड़की का ,उस लड़की का तड़पना शीशे के सामने 6842 5 5 Hindi :: हिंदी
औरत होने का दर्द मैं जानती हूँ , क्योंकि मैं भी एक औरत हूँ | औरतों के चेहरों पर फेंका जाता है तेज़ाब हमारे देश मैं औरतों को तंग किया जाता हैं बेहिसाब चहरे की उस जलन को महसूस कर के तो देखों उस लड़की का तड़पना शीशे के सामने औरत होने का दर्द मैं जानती हूँ क्योंकि मैं भी एक औरत हूँ नज़रों का झुकाना महसूस कर के तो देखो सबके सामने उस रोती बिल्लखती .तड़पती लड़की का दर्द महसूस कर के तो देखो उस जिन्दा लाशा बनी लड़की का दर्द महसूस कर के तो देखो औरत होने का दर्द मैं जानती हूँ क्योंकि मैं भी एक औरत हूँ क्या यह मेरी गलती की थी कि मैं एक औरत हूँ औरत होना तो अब एक पाप जैसा हो गया औरत होने का दर्द मैं जानती हूँ , क्योंकि मैं भी एक औरत हूँ|
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I have done M.A in three subjects these are Hindi ,History ,Political science. I have also done M.Ed...