ब्राह्मण सुधांशु "SUDH" 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद #love, sadpoem, ब्राह्मण सुधांशु sudh, lovepoem 8328 0 Hindi :: हिंदी
रोते हैं वो जो कभी! साथ मे हंसते थे!! हाँथ थाम कर चलते थे साथ! वो अब वीरान घूमते है!! कुछ सवाल उसके थे! जिसका जवाब मेरी खामोशी थी!! उसने वो सुन लिया! जो मैंने कहा ही नहीं!! मैंने वो समझ लिया! जो कभी था ही नहीं!! लेकिन ख्याल है एक दूसरे का! तांका झांकी अब भी होती है!! करते हैं परवाह एक दूसरे की! आंखे इनकी अक्सर रोती हैं!! है अगर इतना ख्याल! तो साथ क्यूँ नहीं आ जाते!! पूछता है मन मेरा! गुजरा वक़्त क्यूँ नहीं भूल पाते!! कुछ जिम्मेदारियां हैं उसकी! मजबूरियों मे मैं भी घिरा हूँ!! इस जन्म मे मुमकिन नहीं शायद! अगले जन्म मे, मै सिर्फ तेरा हूँ!! ©ब्राह्मण सुधांशु sudh✍️