Rudra 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक Google 90622 0 Hindi :: हिंदी
माता सातों बहिनी महारानी बिहार राज्य में ग्राम देवी के रूप में इनकी पूजा होती हैं। हमारे सनातन धर्म में 18 पुराण है। जिसमे कई पुराणों में सप्त मातृका का उल्लेख है। जैसे की मार्कण्डे पुराण और दुर्गा सप्तशती में भी इनका उल्लेख है। सप्त मातृका मतलब सात देवियां होती हैं। जिस प्रकार दुर्गा माता के नव रूप हे जिन्हे नव दुर्गा कहा जाता है। उसी प्रकार देवी के सात रूपो को सप्त मातृका या सातों बहिनी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार सप्त मातृकाओ के नाम इस प्रकार है। 1-ब्राह्मणी 2-माहेश्वरी 3-कौमारी 4-वैष्णवी 5-वाराही 6-एंद्री 7-चामुण्डा बिहार राज्य में सातों बहिन का नाम इस प्रकार है। 1- पहली बहिन का नाम- बन्नी, परमेश्वरी, बन्दी, सती, वन दुर्गा, भद्र काली बुढ़िया माई 2- दुसरी बहिन का नाम- आदि शक्ति मां दुर्गा, जगतारन माई, मंगला देवी 3- तिसरी बहिन का नाम-माहाकाली , चामुण्डा,अंगारमोती 4- चौथी बहिन का नाम-माहा लक्ष्मी, वैष्णवी माई 5- पांचवी बहिन का नाम-माहा सरस्वती, ब्राह्मणी माई, गायत्री माता, सावित्री माता 6-छठी बहिन का नाम-सितला माता 7- सातवीं बहिन का नाम- फुलमती, कुमारी माता, गहिल भवानी सातों बहिन में हर एक बहिन का नाम दो तिन या चार नाम है। सात देवियों कि पूजा भारत में कई राज्य में होती है। जैसे राजस्थान और उत्तर प्रदेश और उत्तरा खंड, बिहार,झारखंड और भी कई राज्य में इनकी पूजा होती हैं। हर राज्य में हर क्षैत्र में माता सातों बहिन का नाम अलग अलग होता है। ये सब स्वयं दुर्गा माता हि है। सातों बहिन माता के साथ हनुमान जी और बटुक भैरव जी कि पूजा होती है। अगर हम माता के साथ हनुमान जी और भैरव जी कि पूजा नही करते हैं तो माता क्रोधित हो जाती हैं। और सारी पूजा पाठ असफल हो जाता है। और हमारा विनाश होने लगता है। इसलिए कभी भी हम सातों बहिन माता या दुर्गा काली कि पूजा करते हैं तो हनुमान जी और बटुक भैरव जी कि पूजा जरूर करें । 🌺 🙏🌺 जय माता दी 🌺🙏🌺